भारत से रिश्ते खराब करने का दांव पड़ेगा उल्टा, जानें ट्रूडो ने इस बार कर दी कौन सी बड़ी गलती

नई दिल्ली: कनाडा और भारत के बीच डिप्लोमेटिक तनाव चरम पर है। कनाडा ने जिस तरह भारत पर आरोप लगाए भारत ने भी कनाडा को उसकी ही भाषा में जवाब दिया। जानकारों का कहना है कि कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो जिस तरह की भाषा बोल रहे हैं और जो बातें सार्वजनिक म

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नई दिल्ली: कनाडा और भारत के बीच डिप्लोमेटिक तनाव चरम पर है। कनाडा ने जिस तरह भारत पर आरोप लगाए भारत ने भी कनाडा को उसकी ही भाषा में जवाब दिया। जानकारों का कहना है कि कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो जिस तरह की भाषा बोल रहे हैं और जो बातें सार्वजनिक मंचों पर कह रहे हैं वह भाषा रिश्ते सुधारने वाली नहीं बल्कि बिगाड़ने वाली है। लगातार बढ़ते इस तनाव का असर सभी पहलुओं पर पड़ेगा। चाहे वीजा हो, स्टूडेंट्स का मसला या फिर व्यापार का।

भारत के साथ क्यों तनाव बढ़ा रहा कनाडा?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि वह अपनी डोमेस्टिक राजनीति के लिए और खुद की राजनीतिक स्थिति बचाने के लिए ऐसा कर रहे हैं ताकि अपनी जनता का ध्यान भटकाया जा सके। अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार प्रफेसर स्वर्ण सिंह कहते हैं कि कनाडा में ट्रूडो की प्रसिद्धि में गिरावट आई है और लगातार सवाल उठ रहे हैं कि वह पीएम रहेंगे भी या नहीं। सिर्फ पीएम ही नहीं बल्कि अपनी पार्टी के नेता रहेंगे या नहीं। पिछले महीने ही वहां सिख समुदाय के बड़े नेता जगमीत सिंह ने अपनी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी का समर्थन गठबंधन सरकार से वापस ले लिया था। वैसे कनाडा में चुनाव अगले साल अक्टूबर में होने हैं लेकिन यह चर्चाएं भी चल रही हैं कि चुनाव पहले हो सकते हैं। ट्रूडो इन सबसे लोगों का ध्यान भटकाने के लिए और खुद को बचाने के लिए यह सब कर रहे हैं।

ट्रूडों की रिश्ते बिगाड़ने वाली मंशा

स्वर्ण सिंह ने कहा कि यह सही है कि निज्जर की हत्या हुई है और कनाडा की चिंता भी जायज है। उन्होंने कहा कि डिप्लोमेसी में रिश्ते सुधारने हैं तो तनाव वाले मुद्दों की चर्चा क्लोज डोर मीटिंग में होती है न कि सार्वजनिक तौर पर। कनाडा इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहा है उससे साफ है कि ट्रूडो की मंशा चीजों को सुलझाने की नहीं बल्कि बिगाड़ने की है।

क्या G-7 देश देंगे कनाडा का साथ?

कनाडा जी-7 का सदस्य है। क्या जी-7 के बाकी देश कनाडा का साथ देंगे। जी-7 में बाकी देश यूएस, यूके, जर्मनी, फ्रांस, जापान और इटली सभी से भारत के रिश्ते अच्छे हैं। स्वर्ण सिंह ने कहा कि अमेरिका के कनाडा से खास रिश्ते हैं तो शायद वह कनाडा का साथ दें लेकिन बाकी देशों से भारत के अच्छे रिश्ते हैं। जी-7 की साझी सोच भारत के साथ साझेदारी की है। जी-7 पहले से ही दबाव में है क्योंकि ब्रिक्स की बढ़ती छवि और ब्रिक्स देशों की कलेक्टिव जीडीपी ग्लोबल जीडीजी का करीब 37 पर्सेंट हो गई है। जबकि जी-7 की जीडीपी सिर्फ 30 पर्सेंट है। जी-7 के देश भारत से अपना तालमेल बिगाड़ना नहीं चाहेंगे।

अगले साल कनाडा जी-7 शिखर सम्मेलन को होस्ट कर रहा है। कई सालों से लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 में विशेष अतिथि के तौर पर जाते रहे हैं। कनाडा क्या निमंत्रण देगा और क्या पीएम मोदी जाएंगे? और जी-7 के बाकी देश क्या करेंगे? इस पर भी सबकी नजरें रहेंगी।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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